विद्युत चोरी की गंभीरता: अधिशासी अभियंता और जेई का निलंबन
विद्युत चोरी की गंभीरता: अधिशासी अभियंता और जेई का निलंबन
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कम शब्दों में कहें तो, हरिद्वार में विद्युत चोरी के मामले में दो अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है।
Ashok Giri, Haridwar: हरिद्वार में विद्युत चोरी और स्मार्ट मीटर में छेड़छाड़ के हालिया मामले ने प्रशासन को गंभीर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के मुख्यालय ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए विद्युत वितरण खंड रुड़की के प्रभारी अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी और मंगलौर के जूनियर इंजीनियर (जेई) अनुभव सैनी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तत्काल प्रभाव से की गई है और दोनों अधिकारियों को अलग-अलग मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और प्रारंभिक जांच
यह मामला तब शुरू हुआ जब हरिद्वार के गुरुकुल नारसन में पुलिस ने बिजलीघर के पास कुछ आरोपियों को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान, उन्होंने वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर में गड़बड़ी करने की बात कबूल की। इसके बाद, यूपीसीएल की जांच टीम ने घटनास्थल पर पहुँचकर पड़ताल की और पाया कि बिजलीघर में लगे मीटर में छेड़छाड़ की गई थी, जिससे विद्युत चोरी की जा रही थी। अब तक इस मामले में उपनल कर्मचारी अकरम अली सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
निलंबन और नए अधिकारी नियुक्ति
यूपीसीएल के निदेशक परिचालन, एमआर आर्य ने इस मामले में लापरवाह अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करते हुए निलंबन की कार्रवाई की। इसके साथ ही उनकी जगह नए अधिकारियों को कार्यभार सौंपा गया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके।
गंभीर जांच समिति की नियुक्ति
संस्थान के एमडी अनिल कुमार ने मामले की विस्तृत जांच के लिए मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति मामले की जाँच करेगी और विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी। इसके अंतर्गत फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई करने का संकेत दिया गया है।
कार्यवाही के मुद्दे: कर्मचारियों को बचाने का आरोप
हालांकि, इस मामले में मुख्य सवाल यह है कि मुकदमा केवल फैक्ट्री के कर्मचारियों पर दर्ज किया गया है और फैक्ट्री मालिक का नाम शामिल नहीं किया गया है। इससे यह आरोप उठने लगे हैं कि प्रशासन कर्मचारियों के माध्यम से मालिक को बचाने का प्रयास कर रहा है। इस संदर्भ में, यूपीसीएल प्रबंधन ने रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र की सभी उच्च खपत वाली स्टील फैक्ट्रियों और अन्य उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट कराने का आदेश दिया है।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि विद्युत चोरी की समस्या कितनी गंभीर हो गई है, और प्रशासन इसको लेकर कितनी सजगता दिखा रहा है। यह भी जरूरी है कि अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था लागू की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
फिर से इस मामले की गहनता को समझते हुए, सभी संबंधित पक्षों को निष्पक्ष तरीके से कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है। ऐसे मामलों में पारदर्शिता बेहद आवश्यक है, ताकि आम जनता में प्रशासनिक भरोसा बना रहे।
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सादर,
Team Discovery Of India - Neha Sharma
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