सीएम धामी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा, राहत कार्यों में तेजी लाने का दिया निर्देश

Sep 19, 2025 - 08:30
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सीएम धामी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा, राहत कार्यों में तेजी लाने का दिया निर्देश
सीएम धामी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा, राहत कार्यों में तेजी लाने का दिया निर्देश

सीएम धामी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा

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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र से प्रदेशभर में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों की गहन समीक्षा की। इस समीक्षा के दौरान, उन्होंने चमोली जनपद के नंदानगर क्षेत्र में राहत कार्यों को तेज करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण

मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा की स्थिति का जायजा लिया। इस क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के कारण अनेक गांवों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। इन परिदृश्यों को देखते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल राहत कार्यों को संचालित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी चमोली श्री संदीप तिवारी ने इस क्षेत्र में राहत कार्यों की स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

आपात सेवाओं की तैयारी

आपदा का समय किसी भी क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। इसीलिए, मुख्यमंत्री ने आपात सेवाओं की तैयारियों को और मजबूत करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों और राहत विभागों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके। साथ ही, गांवों को सही स्थिति में लाने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में यह बात स्पष्ट है कि राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो, तो अतिरिक्त संसाधन भी भेजे जाएंगे ताकि प्रभावित लोगों को आवश्यक मदद मिल सके। चमोली के नंदानगर क्षेत्र में बचाव कार्यों की गति को और तेज किया जाएगा, जिससे ये गतिविधियां और अधिक प्रभावी हो सकें।

सीएम धामी की संवेदनशीलता

मुख्यमंत्री धामी का यह कदम प्रदर्शित करता है कि वे अपने लोगों की पीड़ा को समझते हैं और इसकी समाधान हेतु तत्पर हैं। वे चाहते हैं कि सभी प्रभावितों को यह विश्वास हो कि सरकार उनके साथ है और वे हर संभव मदद प्रदान करेंगे। ऐसी स्थिति में, लोगों की भलाई सर्वोपरि होनी चाहिए।

इस पहल के तहत, राज्य सरकार ने और अधिक कर्मचारी तैनात किए हैं जो कि राहत कार्यों में सहायता करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों को भी अनुशासन बनाने का निर्देश दिया है, ताकि भविष्य में कोई भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति से जमकर निपटा जा सके।

अतिवृष्टि से प्रभावित अन्य क्षेत्रों पर भी निगरानी रखी जा रही है और विभिन्न प्रकार के उपायों पर विचार किया जा रहा है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम से कम प्रभाव डालें।

राहत कार्यों की गति में तेजी लाने के साथ-साथ, मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को समन्वय में रहने की सलाह दी है। इस प्रकार, संकट के समय में एकजुटता और समर्पण की भावना महत्वपूर्ण है।

जैसे-जैसे स्थिति बेहतर होती जाएगी, यह आवश्यक है कि लोग भी सावधान रहें और आपातकालीन सेवाओं के संपर्क में रहें। लोगों को चाहिए कि वे अधिक से अधिक जानकारी साझा करें ताकि राहत और बचाव कार्य बाधित न हों।

यह सभी गतिविधियां दर्शाती हैं कि सरकार आपदा प्रबंधन के प्रति कितनी गंभीर है और इस क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए क्या कदम उठा रही है।

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सादर,
टीम डिस्कवरी ऑफ इंडिया
(नीہا शर्मा)

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