उत्तराखंड: जर्जर स्कूल बिल्डिंग गिरने से 120 बच्चों की जान बची

उत्तराखंड में जर्जर स्कूल भवन का गिरना: एक बड़ा हादसा टला
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कम शब्दों में कहें तो, हरिद्वार के अपर रोड स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय संख्या-34 के ढहने से कोई जनहानि नहीं हुई, क्योंकि प्रशासन ने समय पर बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
हरिद्वार: हाल ही में हरिद्वार के अपर रोड पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय संख्या-34 में एक बड़ी दुर्घटना टल गई। यह घटना उस समय हुई जब स्कूल की इमारत जो वर्षों से जर्जर हालत में थी, निरंतर हो रही बारिश के प्रभाव से अचानक गिर गई। अत्यधिक वर्षा के कारण इमारत की दीवारों में दरारें आ गई थीं, जिसके चलते प्रशासन ने पहले से ही सतर्कता बरतते हुए 120 बच्चों को एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया था। यह कदम सही समय पर उठाया गया, निस्संदेह यह प्रशासन की सजगता का परिचायक है।
स्कूल प्रबंधन की सजगता
इस हादसे ने एक बार फिर स्कूल भवनों की देखभाल और सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता को उजागर किया है। विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित उपायों की जरूरत है, विशेषकर तब जब इमारतें पुरानी और जर्जर हो जाती हैं। कई बार, ऐसी स्थिति में प्रशासनिक दृष्टि से लापरवाही बरती जाती है, लेकिन यहाँ इस बार ऐसा नहीं हुआ।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वे स्कूलों के निर्माण और रखरखाव के लिए उचित बजट आवंटित करें। यदि पुनर्निर्माण और मरम्मत का कार्य समय पर नहीं होता, तो भविष्य में संभावित खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह जरूरी है कि संबंधित विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लें और स्कूलों की स्थिति को नियमित रूप से जांचें।
संबंधित मुद्दे
स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ, यह भी आवश्यक है कि शिक्षकों और छात्रों के लिए उचित सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएं। बच्चों की सुरक्षा सबसे प्रमुख होना चाहिए, और इसके लिए न केवल प्रबंधक बल्कि समाज के हर वर्ग को आगे आकर काम करना होगा।
इस घटना ने इस बात को स्पष्ट किया है कि जब हम अपने बच्चों की सुरक्षा की बात करते हैं, तो हमें उनकी शिक्षा के साथ-साथ इनकी भौतिक सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए व्यापक योजनाएं बनानी होंगी और प्रशासन को उचित प्राथमिकता देनी होगी।
इस घटना के बाद, हम सभी को एकजुट होकर ऐसी स्थितियों को टालने के लिए प्रयास करने होंगे और प्रशासन को जागरूक करने की दिशा में कदम उठाने होंगे।
इस प्रकार की घटनाएँ समाज के लिए चिंतन का विषय बन जाती हैं, और हमें इसे अगले स्तर पर ले जाने के लिए काम करना चाहिए ताकि हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान कर सकें।
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सभी को सावधान रहने और एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
सादर,
टीम डिस्कवरी ऑफ इंडिया,
अनुजा शर्मा
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