बागेश्वर जिला अस्पताल में सीएमएस और 108 कर्मचारियों पर कार्रवाई, पिता की मृत्यु से उठे कई सवाल

Sep 23, 2025 - 08:30
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बागेश्वर जिला अस्पताल में सीएमएस और 108 कर्मचारियों पर कार्रवाई, पिता की मृत्यु से उठे कई सवाल
बागेश्वर जिला अस्पताल में सीएमएस और 108 कर्मचारियों पर कार्रवाई, पिता की मृत्यु से उठे कई सवाल

बागेश्वर जिला अस्पताल में सीएमएस और 108 कर्मचारियों पर कार्रवाई, पिता की मृत्यु से उठे कई सवाल

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कम शब्दों में कहें तो, बागेश्वर जिला अस्पताल में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक पिता के बेटे की इलाज न होने से मौत हो गई। इस मामले की जांच के बाद अस्पताल के प्रभारी सीएमएस और चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

बागेश्वर जिले के चिड़िंगा गांव के निवासी फौजी दिनेश चंद्र जोशी के बेटे शिवांशु की हाल ही में अशुभ मौत हो गई। शिवांशु की मौत का कारण उस वक्त बना जब वह पांच विभिन्न अस्पतालों का दौरा कर चुके थे लेकिन उन्हें आवश्यक इलाज नहीं मिल सका। इसके पीछे समय पर एंबुलेंस न मिलने और चिकित्सकों के व्यवहार से जुड़ी शिकायतें प्रमुख रही हैं।

प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई

जिला प्रशासन ने इस मामले पर बड़ी सख्ती दिखाई है। जिला अधिकारी आशीष भटगाई ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच की और एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी। इसी रिपोर्ट के आधार पर बागेश्वर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. तपन शर्मा को अन्यत्र संबद्ध किया गया है, जबकि 108 चिकित्सकों और अस्पताल स्टाफ के खिलाफ उचित कार्रवाई की गई है।

यह कार्रवाई वाकई आवश्यक थी, क्योंकि शिवांशु के पिता ने अस्पताल की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ उनकी मदद करने में लापरवाह था। वारदात ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ इस प्रकार का व्यवहार सहनीय है।

समाज में उठी चर्चा

इस मामले ने बागेश्वर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति एक बार फिर से गहन चर्चा शुरू कर दी है। नागरिकों का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है। लोगों का मानना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद शिवांशु आज जीवित होते।

अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस मामले पर अस्पताल प्रशासन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वो इस घटना को गंभीरता से लेते हैं और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में आगे इस प्रकार की घटनाएं न हों। प्रशासन का कहना है कि आम जनता की सेहत और सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में है।

फौजी दिनेश चंद्र जोशी की इस घटना ने न केवल उनके परिवार को बल्कि समस्त समाज को व्यथित किया है। इस घटना से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता का एहसास होता है और अस्पताल प्रशासन को अपने स्टाफ की कार्यशैली के प्रति सजग रहना होगा।

बागेश्वर की यह घटना हमारे स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक चेतावनी है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसे रोकने के लिए सरकार को समुचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

जिला अस्पताल में सीएमएस और कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है कि सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता है। इसकी सफलता सच्चाई में नहीं बल्कि कार्रवाई और उसके परिणाम में होती है।

उपसंहार

अंतीय घटनाक्रम से ऐसा स्पष्ट होता है कि केवल प्रशासनिक कार्रवाई से कुछ नहीं होगा, बल्कि हमें स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। इस दिशा में सार्थक प्रयास करने से ही हम अपने नागरिकों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।

अधिक जानकारियों के लिए, कृपया देखें Discovery Of The India.

सादर,

टीम डिस्कवरी ऑफ इंडिया

शिल्पा शर्मा

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