बागेश्वर में छात्रों की मुसीबत: एनएसयूआई ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दस साल पुराने भवन की मांग की

बागेश्वर में छात्रों की मुसीबत: एनएसयूआई ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दस साल पुराने भवन की मांग की
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कम शब्दों में कहें तो, बागेश्वर के बीडी पांडेय कैंपस में स्थित विज्ञान संज्ञान भवन, जिसे दस साल पहले बनाया गया था, अब तक छात्रों के लिए सौंपा नहीं गया है। इस कारण, छात्रों को कड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एनएसयूआई इस मुद्दे को लेकर अब सुर में आ गई है और छात्रों ने जिलाधिकारी को आवश्यक ज्ञापन सौंपकर भवन के शीघ्र हस्तांतरण की मांग की है।
छात्रों को हो रही समस्याएं
बागेश्वर में स्थित विज्ञान संज्ञान भवन का निर्माण कार्य 10 वर्ष पहले ही पूर्ण हो गया था। इसके बावजूद, छात्रों के समक्ष यह समस्या बनी हुई है कि शिक्षा के लिए जरूरी सुविधाओं का उस भवन में अभी तक उपयोग नहीं हो पाया है। यह भवन प्रशासन द्वारा अभी तक कैंपस को भी नहीं सौंपा गया है, जिससे छात्रों को सीधे तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स का कहना है कि बारिश के मौसम में टपकती छत के नीचे पढ़ाई करना उनके लिए असाधारण मुश्किल हो गया है।
एनएसयूआई की सक्रियता
एनएसयूआई, जो कि छात्र संगठनों में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, ने इस संदर्भ में अपनी आवाज उठाई है। छात्रों ने संगठित तरीके से जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया और अपनी मांगों को एक ज्ञापन के माध्यम से प्रस्तुत किया। सागर जोशी के नेतृत्व में छात्रों का एक समूह कलक्ट्रेट पहुंचा और वहां जिलाधिकारी आशीष भटगांई को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि जल्द से जल्द विज्ञान संज्ञान भवन को शिक्षण कार्य के लिए सौंपा जाना चाहिए।
शिक्षा अधिकार की जरूरत
यह अद्भुत है कि आज भी हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था में ऐसे मुद्दे सक्रिय हैं। धरातल पर शिक्षा के अधिकार की वास्तविकता हमें ऐसे मामलों से स्पष्ट होती है। छात्रों का पढ़ाई के लिए प्रेरित होना और उनकी आवाज को नजरअंदाज किया जाना, निश्चित रूप से सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है। एनएसयूआई का इस मामले में आगे आना एक मानसिकता परिवर्तन की दिशा में भी संकेत देता है।
समस्याओं के समाधान की ओर
यह आवश्यक है कि सभी छात्र संगठनों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर काम करना चाहिए ताकि उनकी मांगों को सही ढंग से उठाया जाए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी छात्रों को उचित सुविधाएं मिले और उनकी समस्याओं का समाधान समय पर हो। छात्र उन मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता प्रकट कर सकते हैं, जिनका उन्हें सामना करना पड़ रहा है।
अंत में, हमें उम्मीद है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और छात्रों को शीघ्र ही राहत प्रदान करेगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो छात्रों के आंदोलन को और मजबूती मिल सकती है।
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Team Discovery Of India
सिंधु वाधवा
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